Thursday, 12 January 2023

माँ

पसीने में गले पिता,
चूल्हे पर जलती माँ।
तन को आता कपड़ा,
पेट को मिलती रोटियाँ।

मुसीबत जब है आती
मुँह से निकलता बाप रे,
दर्द जब-जब है उठता
तब याद आती है माँ।

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