TATHAGAT
Thursday, 1 February 2024
तांका काव्य
प्रथमं प्रेमः,
ततश्च विवादः नु ,
स्वीकृतिरन्ते,
नवयुगलसत्यं,
कुत्र नास्ति भो प्रिय!
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