Tuesday, 30 September 2025

भीमटा

1.5

भीमटा

डॉ० रामहेत गौतम

'भौमटया' एक सम्मान जनक शब्द है। भारतीय भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग देखने को मिलता है, जैसे मराठी में भीमटे एक उपनाम है। मेरे एक मित्र का नाम है- प्रोफेसर राजकुमार भीमटे' और मोहन के. भीमटे।'

इतना ही नहीं, भारतीय भाषाओं के विकास क्रम में इस प्रकार के शब्द देखने को मिलते हैं। जैसे- बांगला भाषा में टा और टि अथवा टी प्रत्यय शब्दों के साथ जोड़े जाते हैं। डॉ० चाटुर्य्या ने लिखा है कि टा प्रत्यय मूलतः पुल्लिङ्ग भाव व्यक्त करता था और किसी वस्तु का बड़ा या अनगढ़ होना व्यक्त करता था। उसी प्रकार टि अथवा टी मूलतः स्त्रीलिङ्ग भाव व्यक्त करते थे और किसी वस्तु की लघुता या कोमलता सूचित करने के लिए प्रयुक्त होते थे। बंगला में यह भेद नष्ट हो गया और ये प्रत्यय वस्तु की निश्वयात्मक स्थिति को सूचित करते हैं। राम के साथ टा और टि दोनों का व्यवहार हो सकता है। रामटि कहने पर आत्मीयता का भाव है, रामटा कहने से राम के भारी भरकम होने का बोध होगा। इसी प्रकार गाछ्य और गाछरि दोनों रूप, लिंग भेद से तटस्थ, केवल एक निश्चित वृक्ष का बड़ा छोटा होना सूचित करेंगे। ये टा, टी राजस्थानी के डा, डी मालूम होते हैं। डॉ० चाटुर्य्या ने बताया कि बंगाल की जनपदीय बोलियों में डा, डी भी बोले जाते हैं।

सहायक प्राध्यापक, संस्कृत विभाग, डॉ० हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश

1. जिनके बारे में निम्नलिखित लिंक से जाना जा सकता है। https://www-linkedin-com/in/rajkumar-bhimte-76433699/

2. अन्य नाम देखने के लिए लिंग को क्लिक करें- https://www.linkedin.com/in/mohan-k-bhimate-95b572162/originalSubdomain=in

3. देखिए- भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी खण्ड-1, पृष्ठ 92, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली/पटना। PDF देखने के लिए क्लिक करें- https://ia801600.us.archive. org/18/items/in.ernet.dli.2015.444322/2015.444322. Bharat-Ke.pdf

Thursday, 18 September 2025

एकलव्यः

एकलव्यः ह्ययोग्यः न, धूर्तो द्रोणो हि भारते।
अत एवाsसमत्वं तु, वाधते राष्ट्रगौरवं।।rg