Friday, 5 December 2025

अम्बेडकर ने क्या किया?

अम्बेडकर ने क्या किया?

कसत कसौटी गुणन की, परखत पण्डित लोग।

जात कसौटी जन कसें, गौतम! धूरत लोग।।  

पितृसत्ता को चुनौति देकर स्त्री की आवाज को ताकत प्रदान की।

नारीवाद का चेहरा है अम्बेडकर।

मैटरनिटी लीव- कामकाजी महिलाओं के लिए।

महिला शिक्षा- 1913 न्यूयार्क अमेरिका भाषाण-

माँ बाप बच्चों को जन्म देते हैं, कर्म नहीं देते। माँ बच्चों के जीवन को उचित मोड़ दे सकती है। यह बात अपने मन पर अंकित कर यदि हम लोग अपने लड़को साथ अपनी लड़कियों को भी शिक्षित करें तो हमारे समाज की उन्नति और तेज होगी।

आज द्रोपदी मुर्मू राष्ट्रपति हैं।

अपने पिता के एक करीबी दोस्त को मंत्र में लिखा था-

बहुत जल्द भारत प्रगति की दिशा स्वयं तय करेगा लेकिन इस चुनौती को पूरा करने से पहले हमें भारतीय स्त्रियों की शिक्षा की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने होंगे।

कल्पना चावला, इंदिरा, माया

18.07.1927 तीन हजार महिलाओं की गोष्ठी को संबोधित करने हुए बाबा साहब ने कहा-

आप अपने बच्चे स्कूल भेजिए। शिक्षा महिलाओं के लिए भी उतनी ही जरूरी है जितनी कि पुरुषों के लिए। यदि आपको लिखना पढ़ना आता है तो समाज में आपका उद्धार संभव है।

सावित्री बाई, रमा बाई, भागवती देवी इसके उदाहरण हैं।

17.07.1927 को ही बाबा साहब कहते हैं कि –

एक पिता का पहला काम अपने घर में स्त्रियों को शिक्षा से वंचित न रखने के संबन्ध में होना चाहिए। शादी के बाद महिलाएं खुद को गुलाम की तरह महसूस करती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण निरक्षरता है। यदि स्त्रियाँ भी शिक्षित हो जाएं तो उन्हें ये कभी महसूस नहीं होगा।

महिलाओं की शिक्षा की आजादी के लिए प्रयास किये।

जड़-मूर्ख कपटी मानने वाले शास्त्रों तक का विरोध व खण्डन किया।

स्त्री-शूद्रो न धीयतांके सिद्धान्त को उखाड़ फेका।

मैटरनिटी लीव(26 हफ्तों की)

18.11.1938 को बाम्बे लेजिलेटिव असेंबली में महिलाओं के मुद्दे उठाते हुए प्रसव के दौरान स्वास्थ्य जुड़ी चिन्ता व्यक्ति की।

1942 में सबसे पहले मैटरनिटी बैनिफिट बिल असेम्बली में लाये।

1948 के कर्मचारी वीमा अधिनियम के माध्यम से मातृत्व अवकाश मिला। जबकि अमेरिका में यह 1987 में कोर्ट के दखल के बाद मिला।

अमेरिका ने 1993 में परिवार और चिकित्सा अवकाश अधिनियम बनाया।

भारत में 1940 के दशक में ही बाबा साहब कर दिये।

लैंगिक समानता- स्त्री-पुरुष समानता-

आर्टिकल 14-16 में स्त्री समान अधिकार - किसी भी महिला को सिर्फ महिला होने की बजह से किसी अवसर से वंचित नहीं रखा जायेगा। और न ही उसके साथ लिंग के आधार पर कोई भेदभाव किया जा सकता है।

स्त्री-खरीद-फरोख्त व शोषण के विरुद्ध कानून-

स्त्री की पीठ पर नहाता ब्राह्मण

महिलाओं व बच्चों के लिए विशेष कदम उठाने के लिए राज्यों को संवैधानिक स्वीकृति प्रदान की।

मताधिकार-

दोयम दर्जे से निकालकर बराबरी से मताधिकार –

मनुस्मृति 9.2-3 में स्त्री की पराधीनता

स्विटजरलैंड 1971 स्त्री को मताधिकार मिला वहीं भारत में 26.01.1950 से ही असमानता की खायी को पाटा गया।

स्वरा भास्कर का वीडियो लगायें।

हिन्दू कोड बिल- तलाक, संपत्ति, बच्चे गोद लेने का अधिकार


'जिस दिन सम्राट असोक बौद्ध धम्म में बाकायदे दीक्षित हुए थे, ठीक उसी दिन बाबा साहब भी बौद्ध धम्म में बाकायदे दीक्षित हुए.


बाबा साहब ने धम्मदीक्षा के लिए प्राचीन बौद्ध - स्थल नागपुर को चुना.

बाबा साहब ने पुस्तकालय का नाम प्रथम बौद्ध संगीति स्थल राजगृह के नाम पर रखा.

बाबा साहब ने अपनी आखिरी किताब लिखने के लिए बुद्ध और उनके धम्म को चुना.

बाबा साहब ने धम्म पर लिखी किताब को अष्टांगिक मार्ग की भाँति आठ खंडों में विभाजित किया.

बाबा साहब को बौद्ध परंपराओं की बेहद गंभीर समझ थी.

भारत के राजनेताओं में सर्वाधिक पुस्तकें लिखने और पढ़ने का श्रेय बाबा साहब अंबेडकर को है.

उनका ज्ञान समुद्र की भाँति गहरा और आसमान की भाँति विस्तृत था.

पुरानी बाइबिल में 5642, नई बाइबिल में 4800, मिल्टन में 8000 और 

डाॅ. अंबेडकर की अंग्रेजी में लगभग 8500 शब्दों का प्रयोग हुआ है.'

आज बोधिसत्व बाबा साहब को विनम्र श्रद्धांजलि!

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