Sunday, 30 April 2023

भीम की कलम

कई ने कलम से लाखों टुकड़े किये,
उनकी कलम में राग और द्वेष दोनों थे।
भीमराव ने एक कलम से जोड़ दिये
भीम की कलम में एकमात्र प्रेम था।

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