Wednesday, 26 April 2023

काँटे

जब काँटे भरे हों अपने आंगन में
तो दूसरों के आंगन को बुहारने का उद्यम 
तब तक बेईमानी है 
जब तक कि 
अपना आंगन न बुहार लें।

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