ऐ आते नये साल! बता
क्या दे पायेगा बो सब
जो नहीं दे सके
बीते वर्ष कई ।
भूखे को रोटी
नंगे को वस्त्र
स्त्री को इज्ज़त
शोषित को मान
कल्लू को शिक्षा
मुन्नी को जीवन
बंधुआ को मुक्ति
किसान को कीमत
मजदूर को काम
बेरोजगार को रोजगार
रिस्तों की उमंग और बहुत कुछ ।
ऐ नये साल बता क्या हर पायेगा तू
मनचलों की कुदृष्टि,
धार्मिक द्वेष
जाति के बंधन
नेताओं का झूठ
आफिस से रिश्वत खोरी
लिंग भेद
शहरों से धुआं
गांवों से गरीबी
सड़कों से घटनाएं
गलियों की लूट
दुकानों के धोखे
रिस्तों से शक और बहुत कुछ ।
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