बरेली ज़ोन के ADG प्रेम प्रकाश द्वारा लोगों के अभिवादन में ‘जय भीम’ बोलने को लेकर वहाँ के कुछ स्थानीय विधायकों ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के यहाँ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस महकमे में आईपीएस प्रेम प्रकाश की गिनती काफ़ी ईमानदार और तेज़ तर्रार अफ़सरों में होती है। सोशल मीडिया में जय भीम बोलने पर विवाद के वायरल होते ही कई संगठन और समाजसेवी आईपीएस के पक्ष में आ खड़े हुए हैं। जय भीम बोलने के पक्ष में पुलिस महकमे के ही एक रिटायर्ड अधिकारी व समाजसेवी देवी सिंह अशोक बहुत ही सरल शब्दों में बिंदुवार समझाते हुए लिखते हैं कि,
जय भीम क्या है?
1.जय भीम कोई चुनाव या राजनेतिक नारा नही है ।न ही किसी व्यक्ति,समूह या क्षेत्र का एकाधिकार है
2. जय भीम प्रण है कि हम संविधान की रक्षा करेंगे।
3.जय भीम एक अपील है शिक्षित बनो,संगठित बनो,संघर्ष करो की ।
4.जय भीम एक वादा है पे बैक टू सोसायटी का ।
5.जय भीम एक वादा है भारत की एकता के लिये मर मिटने का।
6.जय भीम एक क्रान्ति है असमानता, लिंग भेद, अंधविश्वास के खिलाफ ।
7.जय भीम एक भावना है निर्भीकता की।
8.जय भीम एक परंपरा है स्वतंत्रता, समानता,बंधुता,न्याय और धर्मनिरपेक्षता की।
9.जय भीम एक उत्तरदान है बुद्ध,अशोक,कबीर,ज्योतिबा,सावित्रीबाई और बाबासाहब के विचारों का।
10.जय भीम एक योजना है व्यक्ति,परिवार,समाज,देश और दुनिया मे लोकतंत्र,नैतिकता,विज्ञान,शान्ति और विकास के लिए ।
नोट:जय भीम का विरोध ही जय भीम की आवश्यकता को दर्शाता है।
जय भीम ✊ जय संविधान 📘✍️🙏
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