Monday, 8 June 2020

प्रेमी पंछी


प्रेम के पंछी
आँखों का चार होना
उषेश साक्षी।

प्रेम के पंछी
फिर मिलने का वादा
संध्या है साक्षी।

घर न पात
आगे काली रात
पागल प्रेमी।

तुम साथ हो
आगे काली रात हो
जीत जायेंगे।

तू भी जा खग!
रात रोशन होगी
प्रेममणि से।

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