TATHAGAT
Sunday, 27 November 2022
पूना पैक्ट कविता
भूखा वैठा था एक सन्त
पूना की यरबदा जेल में,
जला रहे थे भक्त वस्तियां
दलितों की जातंकी देश में।
दोहरा मताधिकार नहीं था
प्रतिनिधित्व मिला था देश में।
न जाने किस कारण किसी को
किसी का हक् मिलना खला था।
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