सुना है कि स्वर्ग है वहाँ जहाँ पत्थर-बाज रहते हैं, स्वर्ण चिड़िया वसी जहाँ अब केवल वाज़ रहते हैं। केवल कर्णप्रिय लगता है, कि एक पिता के सुत सब कैसे एक कुटुंब बने भारत हम द्वेष में आज रहते हैं।
डाॅ रामहेत गौतम
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