Thursday, 25 July 2019

हम द्वेष में आज रह्ते हैं

सुना है कि स्वर्ग है वहाँ
जहाँ पत्थर-बाज रहते हैं,
स्वर्ण चिड़िया वसी जहाँ
अब केवल वाज़ रहते हैं।
केवल कर्णप्रिय लगता है,
कि एक पिता के सुत सब
कैसे एक कुटुंब बने भारत
हम द्वेष में आज रहते हैं।

डाॅ रामहेत गौतम

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