Tuesday, 31 December 2019

Nav bhor

नव भोर की नव किरण
आलोकित रहे
आपके जीवन नभ में
गुंजन भौरों सी,
फुदकन चिड़ियों सी
गुंजित हो कानों में
नव वर्ष की अठखेलियां
व्यापें आपके आँगन में
मुदित रहें मित्र आपसे
धर्म कर्म के प्रांगण में
शहद घोले जीवनसाथी
हर पल तव जीवन में
वरद हस्त मां बाप के
थामें तुम्हें ज्यों पतंग गगन में
नव वर्ष नव दिवस नव प्रभात्
नित् नवरस भरें तव जीवन में ।

Monday, 30 December 2019

निर्माण का काल है वर्तमान

बृद्ध अतीत, तो युवा भविष्य चाहता है
वर्तमान से संतुष्टि पाते नहीं हैं ये दोनों
वर्तमान ही तो दोनों को संजोये हुए है।
हर समय प्रवृत्ति का काल है वर्तमान
सुधार व निर्माण का काल है वर्तमान।

Thursday, 26 December 2019

धन-धर्म-जाति का भेद मिटाती
वो हमारी प्राणप्यारी गणवेश है।
नस-नस में उत्साह जो भर देता
वो हमारा विद्यालयीन परिवेश है।
ज्ञानमयी किताबों से दोस्ती कराना
पुस्तकालय का ध्येय सतत् एक है।

Tuesday, 24 December 2019

दुग्धं नालिकासु

दुग्धं नालिकासु मूत्रं स्थालिकाषु
शीतागारे बलात्कारी कारागारे पीड़िता
संसदि अशिक्षिताः शिक्षिताः मंदिरेषु
तदा किमपि कथमपि विकासः भविष्यति।

नाली में बहता दूध और मूत प्याली में।
जेल में पड़ी पीड़िता बलात्कारी एसी में।
संसद में बैठते अनपढ़ पढ़े पड़े मंदिरों में।
तब सोचिये समझदार! कहाँ है विकास?

डाॅ रामहेत गौतम

Saturday, 21 December 2019

दासता

यत्र-यत्र विद्यते नीचोच्च-विभाजनं
उच्चानां मनोदासानां व्यक्तित्वविकासः असम्भवः।

Friday, 13 December 2019

भारतीय स्त्रियों के आधुनिक उद्धारक

फेसबुक से साभार

भारतीय स्त्रियों के आधुनिक उद्धारक
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बाबासाहेब डा. अंबेडकर ने हमारे संविधान में भारतीय महिलाओं के हजारो वर्षो की पुरूष प्रधान समाज के शोषण एवं गुलामी से मुक्ति के लिए भारतीय संविधान में किये गए विशेष उपबंध जिसके उपरांत इस देश की महिलाओ को हजारो वर्षो के पश्चात् मनुवादी व्यवस्थओ से मुक्ति मिली।

1. बहुपत्नी की परम्परा को खत्म कर नारियो को अद्भुत सम्मान दिया।

2. प्रथम वैध पत्नी के रहते दूसरी शादी को अमान्य किया।

3. बेटे की तरह बेटी को भी पिता की सम्पति में अधिकार का प्रावधान किया।

4. गोद लेने का अधिकार दिया।

5. तलाक लेने का अधिकार दिया।

6. बेटी को वारिश बनने का अधिकार दिया।

7. प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया।

8. समान काम के लिए पुरुषो के सामान वेतन पाने का अधिकार दिया।

9. स्त्री की क्षमता के अनुसार ही काम लेने का प्रावधान किया।

10.  भूमिगत कोल खदानों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगाया।

11. श्रम की अवधी 12 घंटा से घटा कर 8 घंटा किया।

12. लिंग भेद को खत्म किया।

13. बाल विवाह पर रोक लगाया।

14....रखनी प्रथा , वेश्यावृति पर रोक।

15. धार्मिक स्वतंत्रता एवं शिक्षा का अधिकार दिया।

16. मताधिकार का अधिकार दिया।

17. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनने का द्वार खोला।

18. मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया।.

ये सारे अधिकार SC ST OBC Minority & General Category सभी महिलाओं के लिए बनायाये। इस संविधान के पूर्व भारतीय स्त्रियां....पुरुष की दासी मात्र थी जिसका गवाह हिन्दू शाश्त्र है.... ऋग्वेद में स्त्रियों को झूठी कहा गया....उनके मन को भेड़िये जैसा बताया गया, किसी भी पुरुष के प्रति आकर्षित हो जाने वाली बताया। रामचरित मानस में तुलसी ने पशुओं की तरह नारी को पीटने योग्य बताया, गीता में पापयोनि वाला बताया, मनुसमृति में तो पूछिये मत नारी को किस स्तर तक गिराया।

लेकिन बाबासाहेब डा़ अंबेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 14 में इन सारे "शास्त्रीय नियमों"को ध्वस्त कर। उन्हें एक इंसान के रूप में सम्मान पूर्वक जीने का हक़ दिया। ये शायद भारतीय महिलाये इन तथ्यो से अनभिज्ञ है।

जय भीम जय भारत