नव भोर की नव किरण
आलोकित रहे
आपके जीवन नभ में
गुंजन भौरों सी,
फुदकन चिड़ियों सी
गुंजित हो कानों में
नव वर्ष की अठखेलियां
व्यापें आपके आँगन में
मुदित रहें मित्र आपसे
धर्म कर्म के प्रांगण में
शहद घोले जीवनसाथी
हर पल तव जीवन में
वरद हस्त मां बाप के
थामें तुम्हें ज्यों पतंग गगन में
नव वर्ष नव दिवस नव प्रभात्
नित् नवरस भरें तव जीवन में ।
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