दुग्धं नालिकासु मूत्रं स्थालिकाषु
शीतागारे बलात्कारी कारागारे पीड़िता
संसदि अशिक्षिताः शिक्षिताः मंदिरेषु
तदा किमपि कथमपि विकासः भविष्यति।
नाली में बहता दूध और मूत प्याली में।
जेल में पड़ी पीड़िता बलात्कारी एसी में।
संसद में बैठते अनपढ़ पढ़े पड़े मंदिरों में।
तब सोचिये समझदार! कहाँ है विकास?
डाॅ रामहेत गौतम
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