धन-धर्म-जाति का भेद मिटाती वो हमारी प्राणप्यारी गणवेश है। नस-नस में उत्साह जो भर देता वो हमारा विद्यालयीन परिवेश है। ज्ञानमयी किताबों से दोस्ती कराना पुस्तकालय का ध्येय सतत् एक है।
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