भीमराव के हम हैं बच्चे पढ़ना हमारा काम। खेलकूद करते निशिदिन लिखना हमारा काम। लंगडी और आंख मिचोली खेलते हैं सुबह शाम। गिनती पहाड़े इमला लिखेंगे पढ़कर अच्छा बेटा बनेंगे। हम सब जोर-जोर से गाते जय जय जय जय भीम। विराज गौतम सागर।
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