Friday, 3 July 2020

अटा पै मोर

नाचे मे मोर।


उत्कण्ठित हो
निहारे नभ मीत
अटा पै मोर।


कण्ठ में केका
पैरों में थिरकन
संजोये मोर।


बरस मेघा 
कब लों? बरसेगा
नयननीर।


नीलकंठ मैं  

नीलवदन तुम

विरह आग।


आजा गा पिय

तर हो ते रस में

नाचे मे मोर।

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