नाचे मे मोर।
उत्कण्ठित होनिहारे नभ मीतअटा पै मोर।
कण्ठ में केकापैरों में थिरकनसंजोये मोर।
बरस मेघा कब लों? बरसेगानयननीर।
नीलकंठ मैं
नीलवदन तुम
विरह आग।
आजा गा पिय
तर हो ते रस में
No comments:
Post a Comment