तुम पशु से बदतर हो,
क्योंकि तुम गुलाम हो।
तुम गुलाम हो,
क्योंकि तुम पतित हो।
तुम पतित हो,
क्योंकि तुम निर्धन हो।
तुम निर्धन हो,
क्योंकि तुम बेरोजगार हो।
तुम बेरोजगार हो,
क्योंकि तुम निष्क्रिय हो।
तुम निष्क्रिय हो,
क्योंकि तुम व्यसनी हो।
तुम व्यसनी हो,
क्योंकि तुम्हारे पास कोई योजना नहीं है।
तुम्हारे पास कोई योजना नहीं है,
क्योंकि तुम्हारे पास समझ नहीं है।
तुम्हारे पास समझ नहीं है,
क्योंकि तुम शिक्षित नहीं हो।
उठो पढ़ो, पशुता छोड़ो,
देखो तुम कहां खड़े हो।
रामहेत गौतम।
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