Saturday, 31 July 2021

फूलन

फूलन फूल सी थी,
शूलन बिंधी वो थी।
कोमलता तजी वो
शूलसूर वो करी थी।
आतंक से यूं लड़ी,
आदर्श बन खड़ी है।

No comments:

Post a Comment