साफ-सफाई,
टाल-टकोरा,
लिपाई-पुताई,
नई नाथ-पगहा,
नई गरथनी-मुढ़राई,
नये कपड़ा-लत्ता,
कपड़ों की धुलाई,
नये वर्तन-भांडे,
नई-नई मिठाई,
नये दिया-ग्वालिन
चौकी चौक पुराई,
नई चीज-बसत,
नरक-यम दिवाई,
खेतमेंड़ पर दिया
घूरे पर भी दिवाई,
द्वारे पर दिया
आंगन में दिया,
मणिया में दिया
चीज-बसत पुजाई,
घर-घर भोजन बंटाई,
गैया-बैल की पूजा,
बरेदी वाली नचाई,
गोधन पूजा
गोबर दोज पुजाई
जीजी आवें
फिर विदाई।
ऐसी मनती रही
सदियों से दिवाई।
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