दुर्व्यवस्था के हत्यारे।
इन्द्र आराधकऋत्विज
शस्त्र धारी हुए द्विज।
वर्णव्यवस्था भंग हुई
जाति व्यवस्था प्रचण्ड हुई।
वर्ण-जाति धर्म भंग हुआ
मानव धर्म सुगम्य हुआ।
हर स्त्री शिक्षित हो रही।
अब न पुरुष को ढो रही।
न स्वामी न दास कोई
जनता चाहे वह अब होई।
मनु विधान अब बीत रहा
संविधान अब जीत रहा।
आओ सब मुलाकात करें।
भारत भावे ऐसी बात करें।
भारत की जय संविधान की
भारत के स्वाभिमान की।
गौतम रामहेत सागर वारे
जय भीम जय भारत धारे।
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