Saturday, 1 July 2023

वेद अपौरुषेय नहीं हैं

वेद अपौरुषेय होते तो 
किसी को लूटने मारने की बात न होती।
देवता आते और कहते कि 
जब तक तुम शोषण बन्द नहीं करते 
तब तक हम खुश नहीं हो सकते, 
पर न देवता आते हैं न उनका संदेश 
चालाक लोग उल्लू बनाते रहते हैं।
मजा मारते रहते हैं।

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