गौरी गू को चबोरो
गेंदा में मछली
मछली पकडना
टिहरी के अंडे
अदवान से बांधते पाँव
घर की लड़ाई
ओंड़े की आग
गुरु महाराज
खरा कौ गोस
सुआटा का खेल
रतन के नेत्र में धूल
घुटीमार
गोबर उगाना
घूरे से कागज बीनता पढता
लोखन रोटी खा गया
लोखन की चिट्ठी
कौशल का गोता
पीतम ने डुबाया
कौशल्या चढ़ गई
नई घड़ी
प्रेस पर उंगली
बड़ी बाई की बाखर
हरिओम का टिरौआ
सौंज की बकरी
पहलवान को पैसा
फटी पेंट की अभिलाषा
नीबू के पेड़ पर तोते का पिंजरा
डंडा पै बैठके चले मम्मा कें
शैल की चोरी
शराब की गंध
घड़ी की खुशी
बांगर में बस्ता
मूंमफली के पौधे
कुँआ पर ओले पड़ना
रहट के पनारे पर नहाना और घिसना
नींव में नहाना
कक्को नहीं चाची नामकरण
दादा के अंतिम समय
भूत दिखना
सूखी
सगुन की आंख में फुली
हरकुँअर - घूरे पर फिरत रत और बटोर लियात कागज।
एक कंधे की तरफ गर्दन झुकाकर खड़ा हो जाता है।
पर मन में चल रहा होता है- कि क्या लिखा है इन कागजों पर।
बीड़ी के बंडल के काजल पर क्या लिखा है
पिता दीवार पर बिन्दी क्यों लगाते हैं
चटकनी बजाते बच्चे।
करेछ का कुरेदना
घूरे के कागज
गुब्बारे
कटीला के बीज सरसों में मिलाना।
दो रुपये का नोट
मोनीटर की परीक्षा
सुरेन्द्र की फट्टी
बोरी का बस्ता
नाम लिखा सहायक वाचन की किताब
गमलों में मछली बांधना
मास्साब के बेर दातुन
बर्ती ढड़काने का खेल
किताबों की चोरी
5 की परीक्षा
6वीं में प्रवेश
सुरेन्द्र की साईकिल
लल्ला के मुंडा
भट्टा की ईंटें
हैंडिल पर बोतल
नाथूराम चौबे जी
लक्ष्मीनारायण तिवारी जी
पटेरिया जी की पिटाई
हरीसिंह का साथ
देवेन्द्र सर का ट्यूशन
देवेन्द्र सर की कुट्टी
एनसीसी की बर्दी
तू पुलिस हम डकैत
झगड़ा
रुपए ऐंठता दरोगा
वकील के चक्कर
पटवारी के चक्कर
साईकिल और भूसे के बोरे
अंग्रेजी का ट्यूशन
सक्सेना सर जी के गमले
अंग्रेजी की किताब
चिट से रटना
ट्यूशन
मजदूरी और पढ़ाई
खेती और पढ़ाई
लल्ला की मालिस और टीव्ही का सौक
बूढ़ी बाई की पौर
गुरु महाराज के वचन
बाग में बैठकर पढ़ना
सगाई ्और चिट्ठी
विवाह
लक्ष्मी खेत में और मैं कॉलेज
कॉलेज की फोटो और लक्ष्मी
शिवम टाकीज
गुरु जी के काम और लोगों की बातें
टोपर क्या होता है।
कॉलेज की प्रतियोगिताएं
मेरे नोट्स और प्रोफेसर
नौकरी का आवेदन और नौकरी
आलमपुर के अनुभव
गुप्ता जी के ताने बीजमंत्र
स्नेही बखान
प्राचार्य और मैं और मेरी पढ़ाई
पीएचडी रजिस्ट्रेशन
परीक्षाओं में ड्यूटी और विवाद
कॉलेज के दायित्व और अध्ययन
भाईयों की शिक्षा और परिवार
पहलीबार गया दतिया
पहलीबार गया ग्वालियर
जब पीमार पड़ा तो डॉक्टर के पास ले जाया गया।
घोड़ों को घास नहीं वाली बात
संस्कृत विभाग में अपने कक्ष में लगाई जब तस्वीर
No comments:
Post a Comment