Wednesday, 5 March 2025

उठ जा मेरी मुनिया बेटी

                                                                     उठ जा मेरी मुनिया बेटी,

चिड़िया भी, नहीं है लेटी।

चुंकृति चूँ-चूँ चोंच चलाती

उठ-उठ मुन-मुन तुझे जगाती।

 

कैं-कैं किल्-किल् तोता करता,

सुबह सैर पर झुंड निकरता।

मुँह धोकर निकरी सुनहरी,

कुटुर-कुटुर करती इ गिलहरी।

 

उठ जा मेरी मुनिया बेटी!

कनिष्क कुकू कूक है देती।

किरण छा गयी ओढ़ सुनहरी,

खेलने बुलाती चिल्लहरी।

तनुष्का के पापा

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