TATHAGAT
Thursday, 6 March 2025
सोरठा राम
एक ओर वे सुजन, सत्यवादी जातहि सौं।
अनन्त झूठ सुवचन, छल व प्रपंच सब शील।।
दूजे जेइ दुर्जन, महाझूठे जातहि सौं।
अनन्त सच दुर्वचन, कला ज्ञान सब दु:शील।।
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