Sunday, 10 May 2020

गर्मी

कोरोना काल
तपिस विकराल
जन वेहाल।

वन में देखो
मानो आग  लगी है
कली खिली है।

गुलमोहर
ज्येष्ठ का ताप पी पी
लाल हो गया।

गुलमोहर
अखिल वन ताप
पिये जा रहा।

गुलमोहर
आग का अम्बार ज्यों
खिला हुआ है।

कर में फूल
हिय सघन शूल
सेमल हो क्या?

गर्मी कितनी
मोटी-मोटी हो गयी।
गुलाब की कली छोटी हो गयी।

पांच-सात पत्तों का गुच्छा
औषध-गुणों में भी अच्छा
सुडौल स्थूल सुन्दर फूल,
संघन स्थूल सुतीक्ष्ण शूल,
छोटे बीज संजोये निर्मल
रुई भरा हुआ होता फल
सुगठित सीधी देह सरल
वसन्त में खिले है सेमल।

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