रङ्कस्य रै रः रथ्यायां हा! रोटिकाः राष्ट्रियो रौति।
दरिद्र-धन-प्रेम, मार्ग पर हाय! रोटियाँ, राष्ट्र वासी रो रहा।
रामहेत गौतम
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