Monday, 30 August 2021

ये बुद्ध की धूप है

ये बन्द की जा सकती नहीं मुट्ठियों में,
न ही तिजोरियों में। 
ये बुद्ध की धूप है,
फैली है आंगन में, 
फुलवारियों में।
झोपड़ी में,
महलों में।
सेक पाता है वही इसे 
जो उतार फेंकता है आवरण
कुलीनता का।

Monday, 16 August 2021

yoga

दूरस्थ शिक्षा संस्थान, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (एमपी) पीजीडीवाईएम- पेपर फर्स्ट (5 क्रेडिट) योग फाउंडेशन ब्लॉक I यूनिट I योग की परिभाषा और अर्थ, लक्ष्य और उद्देश्य यूनिट II योग का ऐतिहासिक विकास यूनिट III योग की प्रासंगिकता आधुनिक युग और दायरे में इकाई IV योग के बारे में भ्रांतियां। खंड II इकाई I वेद में योग इकाई II उपनिषद में योग इकाई III गीता में योग इकाई IV पतंजल योग सूत्र में योग। आयुर्वेद, III JO1 यूनिट I राज योग (अष्टंग योग) यूनिट II हठ योग यूनिट III कर्म योग, ज्ञान योग, यूनिट IV भक्ति योग, मंत्र योग। खंड IV इकाई I योगाभ्यास की अनिवार्यताएं - प्रार्थना, स्थान और समय, इकाई II योग अभ्यास में अनुशासन, योगिक आहार, इकाई III योग अभ्यास के मार्ग में बाधाएं, इकाई IV व्यायाम की योगिक और गैर-योगिक प्रणाली के बीच अंतर। IV ब्लॉक V यूनिटी महर्षि पतंजलि और महर्षि याज्ञवल्क्य- यूनिट II आदि शंकराचार्य के लिए जीवन रेखाचित्र और उनका योगदान, और गोरखानाथ-जीवन स्केच और योग इकाई III के लिए उनका योगदान यूनिट III रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद-जीवन स्केच और यूनिट IV आचार्य श्री राम के लिए उनका योगदान शर्मा और स्वामी कुवल्यानंद जीवन रेखाचित्र और उनका योगदान सुझाई गई पुस्तकें: 1. विज्ञानानंद सरस्वती - योग विज्ञान, योग निकेतन इरुस्त, ऋषिकेश, 1998, 2. राजकुमारी पांडे-भारतीय योग परम्परा के विविध आयम, राधा प्रकाशन, एनडी, 2008 3. स्वामी विवेकानंद - ज्ञान, भक्ति, कर्म योग और राजयोग, अद्वैत आश्रम, कुलेट्टा 2000। 4. केएस जोशी - योग इन डेली लाइफ, ओरिएंट पेपर बैक प्रकाशन, नई दिल्ली, 1985, 6. विश्वनाथ मुखर्जी भारत के महान योगी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, 6. कल्याण (योगंक) - गीता प्रेस गोरखपुर, 2002। 7. कल्याण (योग तत्व) - गीता प्रेस गोरखपुर, 1991। नई दिल्ली ग्राम परियोजना रिपोर्ट (पीटीआर) और एफजीडीवाईएम की प्रॉस्पेक्टस

डॉ विश्वविद्यालय संस्थान, ऋषि पीजीडीवाईएम - पेपर सेकेंड (5 क्रेडिट) मानव जीव विज्ञान और योग ब्लॉक I यूनिट 1, मानव कडी अर्थ और योग इकाई में इसका महत्व 2. मानव बाल इकाई की डिफरेंट अवधारणा 3. सेल स्टेनिचर और फंक्शन यूनिट 4. ऊतकों के प्रकार, संरचना और कार्य। सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना, कार्य और यौगिक अभ्यासों का प्रभाव। यूनिट 1. कंकाल प्रणाली सामान्य जानकारी, विभिन्न भागों, संरचना इकाई 2. कंकाल प्रणाली- यौगिक प्रथाओं के कार्य और प्रभाव इकाई 3. मांसपेशी प्रणाली- सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना जानकारी, विभिन्न भागों, संरचना, कार्य और यौगिक प्रथाओं का प्रभाव। इकाई 1. श्वसन प्रणाली - सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना इकाई 2. श्वसन प्रणाली - यौगिक अभ्यास का कार्य और प्रभाव इकाई 3. संचार प्रणाली- सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना इकाई 4. संचार प्रणाली - योगिक अभ्यासों का कार्य और प्रभाव खंड IV सामान्य जानकारी, विभिन्न भागों, संरचना, विराम चिह्न और यौगिक अभ्यासों का प्रभाव। इकाई 1. पाचन तंत्र- सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना इकाई 2. पाचन तंत्र- यौगिक अभ्यास का कार्य और प्रभाव इकाई 3. उत्सर्जन प्रणाली- सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना ब्लॉक V सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना, कार्य और यौगिक अभ्यासों का प्रभाव। यूनिट इनर्वस सिस्टम- सामान्य जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना यूनिट 2. तंत्रिका तंत्र- योगिक अभ्यास का कार्य और प्रभाव यूनिट 3. एंडोक्राइन सिस्टम जेरियल जानकारी, विभिन्न भाग, संरचना इकाई 4. एंडोक्राइन सिस्टम फ़ंक्शन और योगिक प्रथाओं का चुनाव 1. डॉ। कक्श दीक्षित-शरीर कचना और क्रिया विज्ञान, भाषा भवन, मथुरा, २००५: २ इंद्रवीर सिंह-एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी फॉर नर्स, जेपी ब्रदर्स पब्लिशर, २००८। विवेकानंद योग प्रकाशन, बैंगलोर 4. एम.एम. गोर एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी ऑफ योगिक प्रैक्टिसेज, मोतीलाल बनारसीदास, नई दिल्ली, 2 5. पीजीडीवाईएम के प्रोग्राम प्रोजेक्ट केपोर्ट trTk KFrospectus


प्रिसर नंबर इंस्टिट्यूट ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन, डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (एमपी) पीजीडीवाईएम-पेपर थर्ड (5 क्रेडिट) एम. हठ योग ब्लॉक I इंट्रोडक्शन यूनिट 1. हठ योग - अर्थ, परिभाषा और अवधारणा इकाई 2. उद्देश्य और उद्देश्य हठ योग इकाई एस। हठ योग इकाई की उत्पत्ति और परंपरा 4. मूल हठयोगी पाठ का सामान्य परिचय ब्लॉक II हठ योग इकाई की अनिवार्यता 1. स्थान का महत्व। यूनिट 2. हठ साधना के लिए पर्यावरण और मौसम। इकाई ३. हठ साधना में सहायता और बाधा, इकाई ४. हठ साधना में निषिद्ध और प्रवाहकीय भोजन। ब्लॉक II अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, तकनीक, लाभ और सावधानियां इकाई 1. षट्कर्म इकाई 2. आसन इकाई 3. प्राणायाम ब्लॉक IV मैकिंग, परिभाषा, उद्देश्य, प्रकार, तकनीक, प्रक्रिया और लाभ इकाई 1. मुद्रा - बंध इकाई 2. ध्यान इकाई 3. समाधि खंड V आध्यात्मिक ऊर्जा: इकाई 1. प्राण और नाड़ी इकाई 2. चक्र इकाई 3. कुंडलिनी शक्ति इकाई4। स्वर जना सुझाई गई पुस्तकें: 1. एल.वी. रेड्डी-हठ योग के आधार और प्रयोग, एमडीएनआईवाई, नई दिल्ली 2. स्व. निरंजनन्द - घेरंडा संहिता, बिहार योग भारती, मुंगेर, 1997. 3. स्व. दिगंबर जी और रघुनाथ शास्त्री - हठ योग प्रदीपिका, कैवल्यधाम एसएमवाईएम समिति, लोनावाला, २००६। दिगंबरजी और एम.एल. घरोट- घेरंडा संहिता, कैवल्यधाम एसएमवाईएम समिति, लोनावाला, 1978। 5. स्व. मुक्तिबोधानंद सरस्वती - हठ योग प्रदीपिका, योग प्रकाशन ट्रस्ट, मुंगेर, "000z 6. स्वामी सत्यानंद सरस्वती - आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बंध, योग प्रकाशन ट्रस्ट, मुंगेर, 2006। आर्मे प्रोजेक्ट रिपोर्ट (पीपीआर) और पीजीडीवाईएम की प्रॉस्पेक्टस


दूरस्थ शिक्षा संस्थान, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (एम पीजीडीवाईएम - पेपर चौथा (5 क्रेडिट) पतंजल योग ब्लॉक I यूनिट 1. पतंजल योग सूत्र का परिचय और चार चरणों / अध्यायों में वर्गीकरण। यूनिट 2. योग का अर्थ और परिभाषा , यूनिट 3. चित्त यूनिट की मैकिंग 4. चित्त के विभिन्न राज्य यूनिट 1. चित्तवृत्तियां यूनिट 2. पंच कलेश यूनिट 3. चित्त विक्षा यूनिट 4. चित्त प्रसादन ब्लॉक III यूनिट 1. ईश्वर यूनिट की अवधारणा 2. अभ्यास और वैराग्य यूनिट 3. क्रिया योग, इकाई 4. अष्टांग योग। खंड IV इकाई 1. संयम इकाई 2. समापत्ति और समाधि इकाई 3. विभूति/सिद्धि इकाई 4. कैवल्य खंड V ध्यान की विभिन्न तकनीकें इकाई 1. ध्यान की अवधारणा और परिभाषा, इकाई 2 वपश्यना ध्यान, प्रेक्षा ध्यान इकाई 3. अजपा-जप, योग निद्रा इकाई 4. शत चक्र, पंच कोष ध्यान सुझाई गई पुस्तकें: 1. स्व. ओमानन्द - पतंजल योग प्रदीप, गीता प्रेस गोरखपुर। 2. हरि कृष्णदास गोयंदका-पतंजलियोग दर्शन, गीता प्रेस गोरखपुर, २००७, ३. पीवी करंबेल्क एआर-फतंजल योग सूत्र, कैवल्यधाम एसएमवाईएम समिति, लोनावाला, 2011। 4. श्रीराम शर्मा आचार्य - सांख्य दर्शन और योग दर्शन, अखंड ज्योति मथुरा, 5. स्व। सत्यानंद सरस्वती स्वतंत्रता पर चार अध्याय, योग प्रकाशन ट्रस्ट, मुंगेर, बिहार, 2001। 6. श्रीराम शर्मा आचार्य- साधना पद्धतियों का ज्ञान और विज्ञान, अखंड ज्योति मथुरा, 1998।

दूरस्थ शिक्षा संस्थान, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (एमपी) पीजीडीवाईएम - पेपर पांचवां (5 क्रेडिट) योग थेरेपी ब्लॉक I स्वास्थवृता यूनिट 1. स्वास्थवृत्ति यूनिट 2 का अर्थ और परिभाषा, दिनचार्य यूनिट 3. ऋतुचर्य यूनिट 4. रात्रीचार्य, सद्वृत्ता ब्लॉक II आहार इकाई 1. आहार इकाई 2 का अर्थ, परिभाषा और वर्गीकरण, आहार का महत्व, आहार की गुणवत्ता और मात्रा इकाई 3. संतुलन आहार इकाई 4. आहार के घटक- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, जल योग चिकित्सा III XJO18 यूनिट 1. थेरेपी- अर्थ और वर्गीकरण यूनिट 2. योग थेरेपी- परिभाषा और अवधारणा। यूनिट 3. योग थेरेपी के सिद्धांत यूनिट 4. योग थेरेपी के घटक, योग थेरेपी की सीमाएं ब्लॉक IV निम्नलिखित बीमारियों का योग प्रबंधन यूनिट 1. हाइपर एसिडिटी, कब्ज यूनिट 2. पीठ दर्द, स्पॉन्डिलाइटिस यूनिट 3. गठिया, धमनीकाठिन्य इकाई 4. उच्च निम्न रक्तचाप और निम्न रक्तचाप का योगिक प्रबंधन इकाई 1. मधुमेह, मोटापा इकाई 2. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस इकाई 3. तनाव, चिंता इकाई 4. अनिद्रा, अवसाद सुझाई गई पुस्तकें: 1. केएन उडुपा- योग द्वारा तनाव और इसका प्रबंधन, मोतीलाल बनारसीदास प्रकाशन, 1998। 2. स्व। सत्यानंद सरस्वती - योगिक मैनेजमेंट ऑफ कॉमन, योग प्रकाशन ट्रस्ट, मुंगेर, बिहार, 2002 3. डॉ अरुण के. साओ और डॉ अखिलेश्वर साओ - तनव अवम योग, राधा पब। नई दिल्ली, 2013. 4. सुरेश बरनवाल-मानसिक स्वास्थ्य एवं योग, नई भारतीय पुस्तक निगम, नई दिल्ली, 2002. 5. डॉ. रुडोल्फ- डाइट एंड न्यूट्रिशन, हिमालयन इंस्टीट्यूट प्रेस, 6. श्रीराम शर्मा आचार्य- चिकित्सा उपचार के विविध आयम , अखंड ज्योति मथुरा, 1998. फ्रोग्राम प्रोजेक्ट रिपोर्ट (एफएफआर) और पीजीडीवाईएम की प्रॉस्पेक्टस


दूरस्थ शिक्षा के संस्थान, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय पीजीडीवाईएम-पेपर सिक्सथ (5 क्रेडिट) योग व्यावहारिक योगिक अभ्यास एन'एस प्रार्थनाएं फ्रैक्टीओ विषय अलमंत्र और पवरेट्स 20 चिक्रशा सूर्यनमस्कार / अतनिर्स और अथक जट्टें रग्या पदानाथन, वीरकोणासन, वीरकोणासन, वीरकोणासन, वीरकोणासन, वीरकोणासन, वीरकोणासन, वीरकोणासन के साथ। , संकट गिरतासन, पदंगुष्ठासन, सर्वांगपुष्टी, मुंथासन। वृषभासन, गुप्तासन, सिंहासन, उष्ट्रासन, सुप्तवज्रासन, वक्रा गोमुखासन, पुरुंग मिनपुय वुर्प, गुन्नूर्प पीपी उन्नो पश्चिमोत्तानाना, अकामधनुरासन, भद्रासन शशांकासन, मंडुकासन को सुपरन करने के लिए आसन सांस्कृतिक। बांधना चक्रासन, कर्मपिडासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, नौकानन एडवांस उन्न कुक्कुटासन, गढ़ासन, गोरक्षनाना, उग्रानाना, आकासन, मस्तेन्द्रासन केलेक्सेटिव / मेडिटेटिव सुल्डलासन ब्रीदिंग चेस्ट, एब्सलोमिनल एंड योगी, पुरमब्ला, अनुलेम, उजाय, रेचक, रेचक और और चद्रभेदन।, भस्त्रिका, भ्रामरी, शीतल, प्राणायाम मुद्रा / बंध जालंधर बंध, उड्डियान बैधा, मूल बंध, महाबंध, काकी मुद्रा यो मुद्रा, विप्रितकर्णी मुद्रा, मालमुद्रा, शांभवी मुद्रा, अश्विनी मुद्रा, पसबिनी मुद्रा, नासिका मुद्रा, ब्रह्ममुद्रा, नासिका . शुद्धि क्रिया कपालहति, नानली, अग्निसार, त्राटक, नेति जल और सूत्र, वामनधन्ति, वस्त्रधौत, दिंडाधौती, शंख प्रक्षालन। ध्यान २१ सोहम साधना, प्राण धारणा, सविता डायलन, ज्योति अवतारन, पंच कोष, दीया येक निद्रा सुझाई गई पुस्तकें; 1, ओपी तिवारी - आसन क्यों और कैसे, कैवल्यधाम एसएमवाईएम समिति, लोनावाला, 2012। 2. एम.एल. घरोट - यौगिक अभ्यासों के लिए दिशानिर्देश, मेधा प्रकाशन, लोनावला। 3. स्वामी सत्यानंद सरस्वती ट्रस्ट, मुंगेर, 2006. 4. पीआई। श्री राम शर्मा- प्रज्ञा अभियान का योग व्यायाम, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान, आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बंध, योग प्रकाशन शांतिकुंज, हरिद्वार, 1998, 5. बी.के.एस. लिएंगर - लाइट ऑन योगा, हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर, नई दिल्ली, 2012। 6. बी.के.एस. लिएंगर - प्राणायाम पर प्रकाश, हार्पर कोलिन्स प्रकाशक, नई दिल्ली, 2012। 7. स्वामी कुवलयनंद - आसन, किवल्याधम एसएमवाईएम समिति, लोनावाला, 1993। 8. स्वामी कुवलयनंद- प्राणायाम, कैवल्यधाम एसएमवाईएम समिति, लोनावाला, 2009। पीजीडीवाईएम - (पेपर सातवां) 2क्रेडिट) परियोजना परियोजना का विषय पीसीपी के समय समन्वयक द्वारा दिया जाएगा। पीजीडीवाईएम की कार्यक्रम परियोजना रिपोर्ट (पीपीआर) और आईरोस्पेक्टस


Thursday, 12 August 2021

तूं न मानेगी

जब-जब शाम आती है,
तब-तब तूं याद आती है।
जब-जब शाम आती है,
आंचल की याद आती है।
जब-जब शाम आती है,
दी के खिलौने याद आते हैं।
जब-जब शाम आती है,
समझाती शिक्षिका आती है।
जब-जब शाम आती है,
दादी की कहानी आती है।
जब-जब शाम आती है,
सखी समझाती आती है।
जब-जब शाम आती है,
संगिनी साथ निभाती है।
ये चांदनी कभी न मानेगी,
ये शाम आने से न मानेगी।
तुझसे ही तो जीवन है मेरा,
तूं स्त्री है त्राण से न मानेगी।

Tuesday, 3 August 2021

तुम साथ हमारा दे नहीं सकते तो

हमें फंसा भंवर में देखकर भी
तुम साथ हमारा दे नहीं सकते, 
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।

मीत जान पुकारें तुम्हें जो
बात हमारी सुन नहीं सकते
तो इशारों पर तुम्हारे क्यों चलें।

हाथ बढ़ाया जब भी हमने
हाथ तुम थाम नहीं सकते, 
तो पीछे तुम्हारे क्यों चलें।

चिंता तुम्हारी करते रहें जो
तुम चिंता हमारी कर नहीं सकते, 
तो हम अरदास तुमसे क्यों करें।
तुम सम्मान हमें दे नहीं सकते, 
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
तुम रक्षा हमारी कर नहीं सकते, 
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
साथ तुम्हारे समृद्धि पा नहीं सकते, 
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
शिक्षा तुम सी पा नहीं सकते, 
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
मैत्री तुम निभा नहीं सकते, 
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
समता तुम ला नहीं सकते, 
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
गर बात करो सर्व-ऐक्य की, 
आओ मिलकर साथ चलें।
Rg

Monday, 2 August 2021

वन में जाने की चाहत

जंगल में जाना चाहती हो,
जाओ कोई नहीं रोकेगा तुम्हें।
वहां एकांत होगा,
यहां अकेलेपन की क्या कमी है?
वहां झाड़-झंखाड़ होंगे,
यहां उलझने वालों की क्या कमी है?
वहां बन्दर लंगूर होंगे,
यहां उचक्कों की क्या कमी है?
वहां गीदड़ होंगे,
यहां भभकियों की क्या कमी है?
वहां भालू होंगे,
यहां तलवा चाट प्रान लेने वालों की क्या कमी है?
वहां आदमखोर शेर होंगे,
यहां क्या आदमखोरों की क्या कमी है?
फिर भी जाओ,
उनके साथ जीना ज्यादा आसान है।
वहां हवा है,
खुला नीला आसमान है।
झरने हैं,
स्वच्छ सरोवर भी हैं।
शीतल छांव है,
कंद-मूल, फूल-फल, तरु-लताऐं भी हैं।
कंदराएं हैं,
बैठ के सोच सकती हो कि मैं कौन हूं?
Rg

Sunday, 1 August 2021

धुंध थी

धुन्ध थी, हवाये चल रही थीं,
काकभगोड़े के कपड़े हिल रहे थे।
दूर से लोग इंसान समझ बैठे,
तोते इंसानों की तरह बोल रहे थे।rg

अंधविश्वास

एक गांव में एक जगह देवी दरबार लगता है उस दरवार में मेरे परिजन जाया करते में उन्हें उस चक्कर में न पड़ने को कहता पर वे बुजुर्ग होने का भावनात्मक दबाव बनाने में सफल हो जाते। एक वार मैं वहां रिस्तेदारी में रुका, देखा सारे लोग वहां बैठक में जा चुके थे, मेरे पिता भी वहां चले गए मैं उन्हें लेने वहां गया तो वहां पूर्ण भक्ति में डूबे लोगों के मनोविज्ञान को समझने की कोशिश कर रहा था। देखा लोगों में एक विशेष नशा था सम्मोहन था बिना प्रयास के काम बनाने का, बिना औषधि के रोग मुक्त हो जाने का, बिना समय सुविधा दिये बच्चों के पढ़ जाने, नौकरी लग जाने का। मेरे पिता भी उनमें से एक थे। मेरी माली हालत में मैं पिता को नाराज करके अपनी पढ़ाई की निरंतरता को ख़तरे में नहीं डालना चाहता था।