हमें फंसा भंवर में देखकर भी
तुम साथ हमारा दे नहीं सकते, तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
मीत जान पुकारें तुम्हें जो
बात हमारी सुन नहीं सकते
तो इशारों पर तुम्हारे क्यों चलें।
हाथ बढ़ाया जब भी हमने
हाथ तुम थाम नहीं सकते,
तो पीछे तुम्हारे क्यों चलें।
चिंता तुम्हारी करते रहें जो
तुम चिंता हमारी कर नहीं सकते,
तो हम अरदास तुमसे क्यों करें।
तुम सम्मान हमें दे नहीं सकते,
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
तुम रक्षा हमारी कर नहीं सकते,
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
साथ तुम्हारे समृद्धि पा नहीं सकते,
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
शिक्षा तुम सी पा नहीं सकते,
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
मैत्री तुम निभा नहीं सकते,
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
समता तुम ला नहीं सकते,
तो साथ तुम्हारे क्यों चलें।
गर बात करो सर्व-ऐक्य की,
आओ मिलकर साथ चलें।
Rg
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