शायद, ताकि आप तय कर सकें कि
मैं आपसे मेल-जोल लायक हूँ या नहीं।
तो फिर आप दूर ही रहिए क्योंकि
यह भावना भारतीय एकता के खिलाफ है।
इस भयानक रोग को रोका जाना चाहिए।
बोलो हम सब भारतीय हैं, हम सब एक हैं।
मत पूछ जाति किसी की,
परवरिश का पता चल जाता है,
खटास की एक बूंद से
सारा मीठा दूध फट जाता है।
एक मछली सारे तालाब को
गंदा कभी नहीं करती।
एक जातिवादी सारे कुल को
कलंकित कर जाता है।
जब तक जाति पर गौरव किया जाता रहेगा,
तब तक भारत विखण्डित ही रहेगा।
विखण्डित राष्ट्र हो या परिवार
लुटेरों के लिए आसान शिकार बना रहता है।
क्या कहा?
अपनी जाति पर गौरव करने से
राष्ट्र विखण्डित कैसे हो सकता है,
तो सुनो,
जब भी तुम अपनी जाति पर गौरव करते तो
सबसे पहले तो राष्ट्रीयता को गौण बना देते हो।
जब भी तुम अपनी जाति पर गौरव करते तो
सबको जता देते हो कि इस परिधि में तुम नहीं आते हो।
हवा में घुला जहर चारों तरफ फैल जाता है,
वेहोश लोगों को मारना कहां कठिन रह जाता है।
घर जल जाता है नादानी में
इंसान धुंए में लट्ठ भांजता रह जाता है।
उठो,
खून है भारत का तो
नादानी छोड़ो,
सबको प्रेम से जोड़ो।
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