पत्थर धर्मभीरू
पत्थर भक्त।
कुछ कहां कहेंगे?
ऊँचे, मौन रहेंगे।
ऊंची है जात
जयकारा न भात
मारन आत।
मंदिर पे औकात
बहुजन जानते।
आँखें खोलिए
जय भीम बोलिए
स्कूल चलिए।
अक्ल पर ताला है
यहाँ से निकलिए।
मार हथौड़ा
पत्थर है टूटेगा
पाखण्ड-पाश।
शिक्षित हो भारत
मुक्ति की है जो आश।
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