TATHAGAT
Thursday, 22 June 2023
पिता
पीठ की सवारी
हाथी पर भारी,
कंधे पर चढ़ना
किले पर चढ़ना,
बाहों में झूलना
हिंडोले में झूलना,
अंगुली पकड़ना
छत लेके चलना,
कदमों का चलना
सपनों का चलना,
होता है जिसका
वो कोई और नहीं।
तुम ही हो पिता
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment