Sunday, 18 June 2023

छरहरी छोरी

छरहरी छोरी लहराती चाल,
जाके वाके जो मसकत गाल।rg

ये पंछी गावें 
नित्नित् परोपकार 
तरुवरों के।

दो क्वारीं दो व्याहता, दो विधवा दो बांझ। 
त्यों त्यों जे प्यारीं लगें, ज्यों ज्यों भीजे सांझ।।

No comments:

Post a Comment