Thursday, 21 August 2025

कृषि मजदूर था। कुटुंब में पहली वार मिली सरकारी नौकरी 10 कर चुकने था। 
इस विश्व विद्यालय के द्वारा नियुक्तपत्र पाकर नियोक्ता की सहमति से उस नौकरी को छोड़कर विश्व विद्यालय की सेवा में आ गया। वहाँ के जी पी एफ की राशि व सेवा पुस्तिका वहीं पर है। विश्व विद्यालय को लिखा तो इन्होंने अभी तक नहीं मंगाया।
विश्व विद्यालय की सेवा साख के आधार पर होमलोन तथा पर्सनल लोन लेकर घर बना रहा हूँ। एस बी आई से लगभग 40 लाख का कर्ज है।

12 वर्ष होने के बाद विश्व विद्यालय से 

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