Thursday, 28 January 2021

हंसिया

हाथ को हंसिया चाहिए 


हाथ को हंसिया चाहिए

क्योंकि

हंसिया चलता है तो

हंसी बिखरती है,
तब मंगल मनता है।

लेकिन

देखो तो चारों तरफ
चन्द्रहास उग आया है,
अट्टहास हो रहा है,
हंसी गुम रही है,
अमंगल छा रहा है।

फिर भी उम्मीद है कि

अमंगल छटेगा धुन्ध की तरह,
फिर बोया जायेगा
मंगल खेतों में,
फिर होगा साथ
हाथ और हंसिये का,

और खलिहान में सजेगी

मंगल की फसल।

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