Friday, 29 January 2021

हारा है? हे राम!

हारा है? हे राम! 
जीता नाथूराम? 
हिंसा की वो टोली,
गांधी खाये गोली।

नेता बोलें बोली,
युवा चालें गोली।
पुनः भक्तराम,
फिर कुहराम।

भ्रमित जवानी
जहर खुरानी
धीरे-धीरे खोती
अहिंसा की वानी।

दावानल ने वन,
बड़वानल  जल
बख्शे हैं कब-कब?
नफ़रत ने नर।

अहिंसा जो चाहो
बुद्ध वीर गाओ
प्रेम दोहराओ
मानव हो जाओ।

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