Tuesday, 24 October 2023

संस्कृत विभाग में अंबेडकर

संस्कृत विभाग में अपने कक्ष में लगाई जब तस्वीर 
एक शुभचिंतक ने सलाह दी।
सर अंबेडकर जी की तस्वीर सामने क्यों लगाए हैं?
उनका चिंता स्वाभाविक थी, उन्हें पता था कि इससे संस्कृत वे मनीषी नाराज हो सकते हैं, इनका प्रमोशन, उच्च पद पर सिलेक्शन रुक सकता है।
पर मेरा विश्वास है कि अम्बेडकरवादी अंबेडकर के आदर्शों पर चलकर भी निडर व यथार्थ स्वीकार के साथ जी सकता है। प्रमोशन, सिलेक्शन गौड हैं।
तस्वीर यथावत है, सबकी स्वीकार्यता भी कम न होकर बड़ी है, क्योंकि सहयोग व समर्पण वैचारिक विरोधियों को भी अपना बना देता है। इसके बिपरीत समान विचारक भी गैर हो सकते हैं।
इससे सिद्ध हुआ आप जो हैं खुल कर जिओ, आपको नकारा नहीं जा सकता। नकार तो दोहरे चरित्र के कारण होता है।

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