रोस्टर के संबंध में मेरा ये मत है, कि सबसे पहले नंबर 1 पर अनुसूचित जनजाति ,नंबर 2 पर अनुसूचित जाति और नंबर 3 पर अन्य पिछड़ा वर्ग तथा नंबर 4 पर EWS और नंबर 5 पर सामान्य को रोस्टर प्वाईंट पर रखना चाहिए। इसके पश्चात इस श्रृंखला को इसी क्रम और प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए बढ़ाना चाहिए ।
ऐसा करना जरूरी क्यो है , क्योंकि संविधान निर्माताओं को पहले ही ये अंदेशा था कि आने वाली सरकारों में जब मनुवादी मानसिकता के लोग शामिल होंगे , ये लोग इस देश के मूलनिवासियों के साथ न्याय नहीं करेंगे , इसलिए बाबा साहब अम्बेडकर जी ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करवाया था ।
संविधान की इस भावना से एक बात यह स्पष्ट होती है कि भारतीय संविधान के अनुसार पहले उन वंचितों को प्राथमिकता देनी चाहिए ,जिनके साथ सदियों से भेदभाव हुआ है , जिनको अधिकारों से वंचित किया गया था। क्या सरकारें इस मूल भावना को अमल में ला रही है ? यदि नहीं ला रही तो क्यो नही ला रही ? क्या सरकारों को ऐसा करना चाहिए ? क्या ऐसी सरकारे इस देश के लायक है ? क्या हमें ऐसी सरकारें बनानी चाहिए ? जब हमें ऐसी सरकारें नहीं चाहिए तो फिर देश में ऐसी सरकार क्यो है ? जो संविधान का पालन नहीं करती ।आओ ऐसी सरकार को उखाड़ फैंके।
साथियों भारत की न्यायपालिका को भारत के संविधान को ध्यान में रखते हुए निर्णय देना चाहिए । भारत की न्यायपालिका कदम कदम पर भारतीय संविधान के खिलाफ निर्णय क्यो देती रही है ? जिससे संविधान संशोधन की समस्या बार बार आ रही और देश में अव्यवस्था का माहौल पैदा होता है ,क्या भारत की जनता को न्यायपालिका को ये छुट देनी चाहिए ? देश की संसद को इस संबंध में सोचना चाहिए था । वर्तमान संसंद में क्या कोई जिम्मेवार सांसद नहीं है , जो संसंद के सभी सदस्यों को ये बता सके ?
देश के तमाम सांसदों से मैं ये पुछना चाहता हूं कि तुम संविधान विरोधी निर्णय क्यो होने दें रहे हो ? क्या भारतीय संविधान की शपथ लेकर ऐसी ही सुरक्षा करोंगे ? भारतीय संविधान को सम्मान ,सुरक्षा ,संवर्धन की अति आवश्यकता है । ऐसी हालत तुम लोगों ने संविधान की क्यो होने दी ? जवाब दो।
मैं भारत का नागरिक हूं और भारतीय संविधान की सुरक्षा करना,सम्मान करना, संवर्धन करना मेरी नैतिक जिम्मेदारी है । देश के प्रत्येक नागरिक की ये जिम्मेवारी है । इसलिए देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान के सम्मान में खड़े होना चाहिए, एकजुट होना चाहिए , आज देश को ऐसी सख्त जरूरत है,अन्यथा देश चौराहे पर खड़ा नजर आएगा । हमें इस देश से प्रेम है , हमें भारतीय संविधान से प्रेम है । इस प्रेम की खातिर हम जान दे देंगे , लेकिन देश और भारतीय संविधान को बचाने का काम जरूर करेंगे । आओ साथियों भारतीय संविधान के लिए बी एस 4 अभियान को मजबूती दे और संविधान की मूल भावना के पक्ष में रोस्टर निर्माण करें ।
आज देश को ऐसे रोस्टर प्वाईंट या रोस्टर सिस्टम/प्रणाली की जरूरत है जिससे उन वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके और इस प्रतिनिधित्व के माध्यम से वे देश के विकास में योगदान दे सकें । यह प्रतिनिधित्व देश के विकास के लिए जरूरी है जिसको आज आरक्षण बना दिया गया है ।
आरक्षण और प्रतिनिधित्व दोनों अलग-अलग शब्द है , हमें आरक्षण नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व चाहिए , देश के तमाम वर्गों को ये प्रतिनिधित्व चाहिए । आओ सबकी भागेदारी सुनिश्चित करें। सुरेश द्रविड़
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