TATHAGAT
Saturday, 27 March 2021
मदिरा
या मदिराशुभासीन्नु,
साद्य गंगाजिता शुभा।
ये यां पश्य पलायन्ते,
लालायन्तेsद्य देवता:।।
तां तु ते।।
सुधामिव।
चातका:।
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