फिसलन भरी चाल है,
चूर-चूर होते शब्द हैं
सेनेटाइजर का कमाल है।
या मदिराशुभासीन्नु,
साद्य गंगाजिता शुभा।
ये यां पश्य पलायन्ते,
लालायन्तेsद्य देवता:।।
जो शराब अशुभ थी
वो गंगाजीत चुकी है।
जो भागते थे देख उसे,
वो सेनेटाइजर चाहते हैं।
सर्वेषां दिवसा: भूमौ
भवन्ति न सदा समा:।
सुरा नवावतारेsद्य,
सेनेटाइजर ज्ञिता।।
सुना था सबके दिन फिरते हैं,
देख, शराब नये अवतार में हैं।
(सेनेटाइजर में अल्कोहल है।
आज अल्कोहल ही हल है।)
संदेशं प्रकृतेः ब्रूते, कोरोना जगति भ्रमन् ।
संहारे तव संहारः, रक्षा ते रक्षणे नु मे।।
रामहेत गौतमः
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