Wednesday, 19 January 2022

गांव का आखिरी छोर

उन्हें लगता है कि मैं, मेरा घर, मेरी गली, मेरा वजूद गांव के आखिरी छोर पर है। पर मैं कहती हूं किकि देखो, गांव वहीं से शुरू होता है।
सुकीरथरानी तमिल लेखक

No comments:

Post a Comment