नीति जानती है वह
सुनीता है वह।
अबोध नहीं जानते
भोजन माता है वह
सुजाता है वह।
वही सुजाता
जिसके हाथ का खाकर
सिद्धार्थ बुद्ध हुआ था।
शत्रु हैं वे माता-पिता
क़ैद कर रहे हैं जो
बच्चों के चिन्तन को।
सुना था कभी हमने
ज़हर ज़हर को मारता है
बहिष्कार वाला ज़हर।
नहीं खायेंगे सवर्ण बच्चे
दलित के हाथ का खाना
नागनाथों का दंश था।
नहीं खायेंगे दलित बच्चे
सवर्ण के हाथ का खाना
वैद्यनाथों का दंश था।
सुनीता का निर्णय
अदम्य साहस भरा था
पहाड़ को उठाने का साहस।
लड़ना सीख गई है
सुनीता साहस दिखाती है
सुनीता घास नहीं खाती है।
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