Thursday, 5 September 2024

व्याकरण की वाधा

शोले हो लगान हो या फिर हो चाइनागेट 
इनकी सफलता के फीछे भावनात्मक जुड़ाव है
जो कि बोलिओं के प्रयोग से संभव हुआ है। बोलियों में व्याकरण नहीं होता। व्याकरण समाज से भावनात्मक जुड़ाव को रोकता है।

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