विरसा ने कहा है, मुण्डाओं ने सुना है।
लो मशाल थाम लो, संघर्ष पे जोर दो।।
संघर्ष से मान है, मान ही जीवन है।
हमारा भी मान है, तुम्हारा भी मान है।।
जय जोहार जय, जंगल ही देवता है।
जो इसे काटता है, वो शत्रु हमारा है।।
अंधविश्वास बेडियाँ,शराब भी छोड़ दो।
शिक्षा पर जोर दो, शिक्षा ही मुक्ति है।।
वन को बचाया है, देश भी बचाना है।
जंगल में वास है, सत्ता में भी आना है।।
ये लोक हमारा है, लोकतंत्र यहाँ है।
भारत की रक्षा में, जय जोहार जय।।
रामहेत गौतमः
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