Friday, 22 November 2019

ललई, पेरियार, ज्योति,

*"ललई सिंह यादव" को यदि अहीर [यादव] बिरादरी ठीक से पढ़ ले एवं जान ले*
*"डॉ राम स्वरूप वर्मा" को कुर्मी [ पटेल ] बिरादरी ठीक से पढ़ ले एवं जान ले*।
*"महराज सिंह भारती" को जाट [ जट्ट ] बिरादरी ठीक से पढ़ ले एवं जान ले*।
*"जगदेव प्रसाद कुशवाहा या महतो, मौर्य" को कोइरी [ कुशवाहा ] बिरादरी ठीक से पढ़ ले एवं जान ले*।
*"पेरियार" को गड़ेरिया [ पाल ] बिरादरी ठीक से पढ़ ले एवं जान लें*।
*ज्योति राव फूले को माली[ सैनी ] पढ़ ले*।
*बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को [SC+ST+OBC] ठीक से पढ़ लें और जान जाय इनका अस्तित्व ....*
*कार्ल मार्क्स को [ आदिवासी ] को पढ़ा दिया जाय ......*
तो समझो भारत का हर एक क्षेत्र में बेहतरीन परिणाम मिलने से कोई *"माई का लाल'"* नहीं रोक सकता है चाहे कोई *'अवतार'* लेकर भी भारत में क्यूँ ना उतर जाए, काश कि इन जाति-बिरादरी के लोग अपने-अपने जातियों के जातिवादी स्वभाव के कारणों से भी गलती से भी इन महापुरुषों को पढ़ लें तो भी बहुत बड़ा *"सामाजिक, आर्थिक और  'क्रांतिकारी परिवर्तन "* आज भी देश में सम्भव है...
  
नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय भारत
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