मांगे मिला है न कभी मांगे मिलेगा
अधिकार तो सिर्फ लड़के मिलेगा ।
शरण पड़े और दोउ हाथ थे जोड़े
नाक थी रगड़ी और दांत निपोरे
अकड़कर रौब से कहा था उसने
दास हो तुम दास ही रहना पड़ेगा।
मांगे मिला है,,,
मांगी थी शिक्षा जब एकलव्य ने
दुत्कार दिया था तब दुष्ट द्रोण ने
स्वयं अभ्यास से सीख लिया था
द्रोण कहा था अंगूठा देना पड़ेगा।
मांगें मिला है,,,
जाग्रत किया जब हमें शम्बूक ने
क़लम कसाई थे योजना बनाये
लाए थे वे राम को भड़का कर
राम कहा शम्बूक! मरना पडेगा।
मांगें मिला है,,,
जाग्रत किया फिर रविदास ने
ज्ञान पाया फिर नारी मीरा ने
कुचक्र रचाया फिर धोखेवाज़ ने
रवि था जाना मानार्थ मरना पडेगा।
मांगे मिला है,,,
बाबा भीम ने चउदार तालाब
कालाराम मंदिर सत्याग्रह कर
सबके सम्मुख साबित किया था
मानव हो तो तुम्हें दिखना पड़ेगा।
मांगे मिला है,,,
कांशीराम भी न मौन रहे थे
बात वे सबके हित की कहे थे
चाहते हो अगर अधिकार तुम
चाबी सत्ता की थामना पड़ेगा।
मांगे मिला है,,,
लड़ना है तो गढ़ना होगा
गढ़ना है तो तपना होगा
तपने के लिए जागना होगा
कठोर श्रम से पढना पड़ेगा ।
मांगे मिला है,,,
पढ़ लिख कर याद रखना होगा
पले थे जहाँ पर मुड़ना होगा
साथ समाज के बढ़ना होगा
हित समाज का यहीविध होगा।
मांगे मिला है न मांगे मिलेगा
अधिकार तो सिर्फ लड़के मिलेगा ।
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