ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
नारे से कुछ भी न होगा
अपना लो तुम भाईचारा।
भारत की सीमाओं पर
वीर सपूत गोली खाते
किसानों को भी तो देखो
मिट्टी-बादल से टकराते।
फिक्र करो जरा उनकी
जो अभावों में मर जाते।
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा संभल के बोलो वानी
विकास पथ पर बड़ो तुम
यूँ ही न फूंको जवानी
भाई! भाई का गला न काटो
आप में प्रेम की पुड़िया बाँटो
जब-जब भाई लड़े हैं
कोई बचा क्या साबुत?
जागो, उठो गले लगा लो
बोल कर प्रेम की वानी।
जब जब झगड़े आपस में
हालात रहे कब बस में?
खतरे में पड़ी तब आजादी
फिर ढोई है हमने बर्बादी
क्यों भूल रहे हो मेरे भाई
भारत के संघर्षों की कहानी।
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
तुम भूल ना जाओ उनको
इसलिए सुनो ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो
जब अन्त-समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
तुम भूल न जाओ उनको
इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द की सेना
जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द की सेना
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
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