प्रथम वंदन उस शिक्षक को जिसने ना भेद किया
वो बुद्धवीर महान् था जो जन-जन को निर्वेद किया।
रवि कवि को भी नमन् स्वयं सिद्धि का औजार दिया।
वंदन उस ज्योति राव को जो जन को जागृत किया,
सावित्री को को शतवार नमन् जननी का उद्धार किया,
शिवा साहू को नमन् स्वयं रक्षा का हथियार दिया।
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