Monday, 27 May 2019

मशीन

हाथों ने बनायी थी मशीन
निज क्षमता बढ़ाने के लिए,
एक मशीन क्या आयी यहाँ
हजार हाथ बेकार हो गए।

हमने खोजी थी एक मशीन
लोकतंत्र को सजाने के लिए,
संदेह की घटाएँ भीषण उठीं
बन काल लोकतंत्र के लिए।

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