चैन चला गया जब आहट तुम्हारी आयी, हे जन! तू ही ठहर जा चैन की जगह पर। जब तुम न थे, तुम्हारी आस में चैन तो था, हे निर्दय! अब कौन? ठहरेगा तुम्हारी जगह पर।।
No comments:
Post a Comment